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MUSCULAR DYSTROPHY REHABILITATION SAMITI – ये एक ऐसा संस्था/समिति है जिसका निर्माण इस प्रकार की बीमारी से लड़ रहे पीड़ित परिवारों के द्वारा खुद ही किया गया है, जिसमे आपने देश के काफी राज्यों के प्रेसिडेंट और स्टेट कूर्डिनेटर शामिल हैं जो अपने अपने राज्यो मे Muscular Dystrophy के लिए काम कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य है कि देश के सभी पीड़ित परिवारों को एक साथ जोड़ा जाये और विभिन्न प्रकार की थेरेपी आदि के द्वारा इन मासूम बच्चो की Life Quility बेहतर किया जाये ताकि वो भी कुछ हद तक अपनी नॉर्मल लाइफ जी सके तथा इस बीमारी के बारे मे जनता को ज्यादा से ज्यादा अवेरेनेस् किया जाये।

वर्ष 2022 में सुपर स्टार अभिनेत्री काजोल देवगन द्वारा अभिनीत और रेवती द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सलाम वेंकी‘ और श्रीकांत मूर्ति की किताब ‘द लास्ट हुर्रा’ पर बनी है। यह किताब दुर्लभ बीमारी मुस्कुलर डिस्ट्रफी से जूझ रहे युवा शतरंज खिलाड़ी वेंकटेश और उसकी मां के संघर्ष पर आधारित है। वेंकटेश की दिसंबर, 2004 में हैदराबाद में मृत्यु हो गई थी। जब वह अपने जीवन के अंतिम चरण में थे, तब उनकी मां ने यूथेनेशिया (इच्छा मृत्यु) के लिए हैदराबाद उच्च न्यायालय में अपील की थी, ताकि वह अपने बेटे के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को जरूरतमंद लोगों को दान करने की अंतिम इच्छा को पूरा कर सकें। ये फिल्म की कहानी भी मुस्कुलर डिस्ट्रफी पीड़ित बच्चो पर ही आधारित है ।
MUSCULAR DYSTROPHY – ये एक जेनेटिक Progressive Disease है जो की Rare Disease है, ये Disease रोगी को उसकी माँ के गर्भ से ही मिलती हैं इसमें स्त्री वाहक (Carrier) होती है , वैसे तो ये Disease कई प्रकार की होती हैं, लेकिन Duchenne Muscular Dystrophy इनमे काफी कॉमन मिलती है, इस बीमारी मे बच्चा जन्म से दिखने में बिल्कुल नॉर्मल बच्चो की तरह दिखता है और लगभग 3/4 साल की उम्र तक नॉर्मल बच्चो की तरह से चलता फिरता है, उसके बाद ये बीमारी अपना असर दिखाना शुरू करती हैं , बच्चो मे काफी तरह के बदलाव आने लगते है धीरे धीरे उसके शरीर के अंग टेढ़े मेढे होने लगते है, 9/10 साल (अप्रोक्स) की आयु तक बच्चा चलना फिरना बिल्कुल बंद कर देता है और बच्चा व्हील चेयर / बेड पर आ जाता है तथा 15-25 की आयु में बच्चो की मृत्यु हो जाती है |


ये बीमारी जेनेटिक होने के कारण परिवार मे एक से अधिक बच्चो मे भी हो जाती हैं, ये बीमारी ज्यादातर लड़को मे ही होती है, बीमारी का कारण होता है हमारे शरीर मे एक डिस्ट्रॉफिन नामक प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है , Muscular Dystrophy मे डिस्ट्रॉफिन बनना बंद हो जाता है और शरीर की मांसपेशिया कमजोर पड़ने लगती है और धीरे धीरे पूरी तरह से नष्ट हो जाती है, वर्तमान मे आपने देश मे इस बीमारी की कोई दवाई नही है, कुछ बच्चो की दवाई दूसरे देशों मे उपलब्ध है जिस से इन बच्चो की लाइफ मे सुधार आता है लेकिन उस दवा का अभी सालाना खर्च करोडो मे है, दवा अत्यधिक महंगी होने के कारण आपने देश के पीड़ित परिवार उसको प्राप्त नही कर पा रहे है, भारत मे इस बीमारी के कुल कितने बच्चे है इसकी भी सही जानकारी नही है, ज्यादातर डॉ और जानकारो का मानना है लगभग 4 से 5 हजार बच्चो मे से एक बच्चे को ये बीमारी होती हैं, इस बीमारी की जानकारी अवेर्नेस के अभाव मे बहुत कम लोगों को है यहाँ तक की बहुत से डॉक्टर को भी इस बीमारी की जानकारी का अभाव है |
इस बीमारी की रोकथाम के लिये कई प्रकार की Physiotherapy, Hydrotherapy, Swimming, Yoga, Kattu Therapy, Panchkarm आदि करवाया जाता है और उचित खान पान की सलाह दी जाती, ऐसा करने से इस बीमारी को कुछ हद तक रोका जा सकता हैं और बच्चो की Life Quility मे काफी सुधार आता है।